रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती जया वर्मा सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर में यूएसबीआरएल परियोजना का दौरा किया
USBRL Project in Jammu and Kashmir
* यूएसबीआरएल परियोजना केे प्रगति कार्यों का जायजा लिया
* भारतीय रेल कश्मीर घाटी को शेष रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के करीब पहुंच रही है।
* परियोजना के शेष कार्य में तेजी लाने पर जोर दिया
USBRL Project in Jammu and Kashmir: रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती जया वर्मा सिन्हा ने 09.02.2024 को यूएसबीआरएल परियोजना का दौरा कर गहन निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान श्री शोभन चौधुरी, महाप्रबंधक, उत्तर रेलवे, श्री संदीप गुप्ता, सीएओ, यूएसबीआरएल, श्री संजय गुप्ता, सीएमडी, केआरसीएल, श्री वी.पी. सिंह, पीसीई, उत्तर रेलवे, श्री यू.सी. जोशी, पीसीओएम, उत्तर रेलवे एवं श्री संजय साहू, मंडल रेल प्रबंधक, फिरोजपुर और यूएसबीआरएल परियोजना के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
श्रीमती जया वर्मा सिन्हा ने अपने निरीक्षण दौरे की शुरुआत कटरा से सुरंग संख्या टी-33 (पुरानी सुरंग टी-1) से की। उन्होंने मोटर ट्रॉली निरीक्षण किया, तत्पश्चात् सुरंग टी-33 केे महत्वपूर्ण प्रगतिशील कार्य का पैदल निरीक्षण किया। उन्होंने अत्यंत चुनौतीपूर्ण भूगर्भीय परिस्थितियों में परियोजना टीम द्वारा किए जा रहे अच्छे कार्य की प्रशंसा की और उन्हें सभी सुरक्षा संबंधी प्रोटोकॉल का पालन करने की सलाह दी। उन्होंने परियोजना से जुड़े अधिकारियों को परियोजना के शेष कार्यों को तेजी से पूरा करने के लिए हर संभव उपाय करने के निर्देश दिये ताकि कटरा-रियासी सेक्शन को शीघ्र जोड़ा जा सके।
उन्होंने अपने मोटर ट्रॉली निरीक्षण के दौरान सुरंग टी-34 (पुरानी सुरंग टी-2) से आगे बढ़ते हुये अंजी ब्रिज, रियासी स्टेशन, बक्कल स्टेशन, चिनाब ब्रिज से होते हुए दुग्गा रेलवे स्टेशन तक ट्रैक, ईएंडएम, एसएंडटी और आरई कार्यों का निरंतर निरीक्षण किया और इन कार्यों की गुणवत्ता एवं प्रगति पर संतोष व्यक्त किया।
सीआरबी ने उत्तर रेलवे, केआरसीएल और इरकॉन के अधिकारियों के साथ चिनाब ब्रिज साइट पर यूएसबीआरएल परियोजना से जुड़े प्रगति कार्यों का भी जायजा लिया। उन्होंने कार्यों की गति पर संतोष व्यक्त किया और परियोजना अधिकारियों को सभी शेष कार्यों, विशेष रूप से सुरंग टी-1 और सावलकोट यार्ड से जुड़े कार्यों पर बारीकी से नज़र रखने के निर्देश दिये ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कार्य में कोई देरी न हो।
हर प्रकार की भूगर्भीय, प्रकृतिक एवं मौसम संबंधी चुनौतियों के बावजूद परियोजना के बचे हुए हिस्से पर कार्य पूरे जोर-शोर से चल रहा है। भारतीय रेल प्रतिदिन कश्मीर घाटी को शेष रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के करीब पहुंच रही है।
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